What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली shiv chalisa in hindi उजियारी॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
जन्म जन्म के पाप shiv chalisa in hindi नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥